Monday, 3 December 2018

संत स्तुति


🌹।।प्रातः सांयकालीन संत स्तुति ।।🌹
सब संतन्ह की बड़ी बलिहारी ।
उनकी स्तुति केहि विधि कीजै,
मोरी मति अति नीच अनाड़ी।
दुःख भंजन भव फंदन गंजन ,
ज्ञान ध्यान निधि जग उपकारी।
विंदु ध्यान विधि नाद ध्यान विधि,
सरल सरल जग में परचारी।
धनि ऋषि संतन्ह धन्य बुद्ध जी,
शंकर रामानन्द धन्य अघारी।
धन्य हैं साहब संत कबीर जी,
धनी नानक गुरु महिमा भारी।
गोस्वामी श्री तुलसी दास जी,
तुलसी साहेब अति उपकारी।
दादू सुंदर सुर स्वपच रवि,
जगजीवन पलटू भयहारी।
सतगुरु देवी अरु जे भये हैं,
होंगे सब चरणन शिरधारी।
भजत हैं मेंही धन्य धन्य कही,
गहि संत पद आशा सारी ।
मंगल मूरति सद्गुरु, मिलवै सर्वाधार।
मंगलमय मंगल करण, विंवैं बारम्बार ।
ज्ञान उदधि अरु ज्ञान घन सद्गुरु शंकर रूप।
नमो नमो बहु बारहिं, सकल सुपूज्यं भूप।
सकल भूल नाशक प्रभु, सद्गुरु परं कृपाल।
नमो कंज पद युग पकड़ी सुनु प्रभु नज़र निहाल।
दया दृष्टि करि नाशिये, मेरो भूल अरु चूक।
खारो तीक्ष्ण बुधि मोरि ना पाणी जोड़ी कहु कुक।
नमो गुरु सतगुरु नमो, नमो नमो गुरुदेव।
नमो विघ्न हरता गुरु, निर्मल जाको भेव।
ब्रह्म रूप सद्गुरु नमो प्रभु सर्वेश्वर रूप ।
राम दिवाकर रूप गुरु नाशक भ्रम तप जाल।
नमो नमो सतगुरु नमो, जा सम कोउ न आन।
परम पुरुषहू ते अधिक, गावें संत सुजान।
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