💐 सदगुरु की आरती 💐
आरती सदगुरु वर महान की
धीर धर्म सत शिष्य प्राण की।
काम मोह मद मोह निवारण
जन अंतर सद्ज्ञान विकाशन।
आतमबोध प्रकाश करावन
तुरीयापद अतिकल्प ध्यान की।। आरती
स्रुति पुराण शुचि मर्म बतावन
कर्म अकर्म विकर्म प्रकाशन।।
जन्मार्जित अघपुंज हराशन।
सुकृत सिंधु विज्ञान खान की।। आरती
त्रिविध ताप अभिशाप मिटावन
भव भ्रमन्त जन पंथ गहावन।
शोक द्रोह दृढ़ कोट ढहावन
निर्मलतम अतिशय अमान की।। आरती
पद पाथोज विमल मति कारिणी
चंचलता कटुता मन हारिणी ।।
मेंहीवर मुख कमल सुहावनि
व्यास" विश्व जननी सुत्राण की।। आरती
💐💐💐💐💐💐💐
आरती सदगुरु वर महान की
धीर धर्म सत शिष्य प्राण की।
काम मोह मद मोह निवारण
जन अंतर सद्ज्ञान विकाशन।
आतमबोध प्रकाश करावन
तुरीयापद अतिकल्प ध्यान की।। आरती
स्रुति पुराण शुचि मर्म बतावन
कर्म अकर्म विकर्म प्रकाशन।।
जन्मार्जित अघपुंज हराशन।
सुकृत सिंधु विज्ञान खान की।। आरती
त्रिविध ताप अभिशाप मिटावन
भव भ्रमन्त जन पंथ गहावन।
शोक द्रोह दृढ़ कोट ढहावन
निर्मलतम अतिशय अमान की।। आरती
पद पाथोज विमल मति कारिणी
चंचलता कटुता मन हारिणी ।।
मेंहीवर मुख कमल सुहावनि
व्यास" विश्व जननी सुत्राण की।। आरती
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