एक ऐसा नाम जिन्होंने संतमत की पकड़ को मजबूत बनाया
एक ऐसा नाम जिन्हें साधु समाज कभी नहीं भूल सकता
महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जिन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाये, वह माटी धन्य हो गयी जब महावीर नामक बालक ने 20 दिसम्बर 1920 को जन्म लिया
मधेपुरा धन्य हो गयी !
इन्होंने अपनी पूरी जिंदगी संतमत की ख्याति तथा प्रचार में व्यतीत किया, संतमत के भीष्म पितामह भी इन्हें लोग कहते हैं।
संत में इनके कई अनुयायी हैं, कहते हैं इन्होंने ने ही स्वामी व्यासानंद जी महाराज को सम्पूर्ण त्याग की दीक्षा दी।
जब जब संत तथा संतमत का गुणगान होगा
इस महान पुत्र की गाथा सदियों तक गूंजती रहेगी ।
परमपूज्य सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज
बेंगलुरु स्थित संतमत आश्रम
महर्षि मेंही मठ
💐आश्रम संत : विष्णु बाबा
आश्रम सेवक : यादवजी तथा भक्तजन
महर्षि मेंही नगर,
J D agrwaal फार्म के निकट डोभर हल्ली
बेंगलुरु कर्नाटका! 💐
Phone : 8105416938
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